Saturday, June 26, 2010

पिता हैं तो ...

पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है
पिता सृष्टि में निर्माण की अभिव्यक्ति है

पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है
पिता कभी कुछ खट्टा - कभी खारा है

पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है

पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है

पिता अप्रदर्शित-अनंत प्यार है
पिता है तो बच्चों को इंतजार है

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं
पिता हैं तो बाज़ार के सब खिलोने अपने हैं

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है

पिता एक जीवन को जीवन का दान है
पिता दुनिया दिखाने का एहसान है

पिता सुरक्षा है, अगर सर पर हाथ है
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है

तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो
पिता का अपमान नहीं, उन पर अभिमान करो

क्योंकि माँ-बाप की कमी को कोई बाँट नहीं सकता
और ईश्वर भी उनके आशिसों को काट नहीं सकता

विश्व में किसी भी देवता का स्थान दूजा है
माँ-बाप की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है

विश्व में किसी भी तीर्थ की यात्रा व्यर्थ है
यदि बेटे के होते माँ-बाप असमर्थ हैं

वो खुशनसीब हैं माँ-बाप जिनके साथ होते हैं
क्योंकि माँ-बाप के आशिसों के हजारों हाथ होते हैं
क्योंकि माँ-बाप के आशिसों के हजारों हाथ होते हैं

- ओउम व्यास

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